Woh Chaand Kahan Se Laogi Lyrics – Vishal Mishra
दिल तोड़ा तो क्यूँ तोड़ा
इतना तो बता देती
कोई बहाना कर लेती
कोई तो वजाह देती
दिल तोड़ा तो क्यूँ तोड़ा
इतना तो बता देती
कोई बहाना कर लेती
कोई तो वजाह देती
जब याद तुम्हें मैं आऊँगा
रातों में बहोत घबराओगी
क्या चीज गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
क्या चीज गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
क्या क्या बातें करती थी
बाहों में खो के
तुम जो बिछड़े
मर जाऊँगी मैं रो रो के
औरों से तुम
दोहराती हो जब ये बातें
याद आती है
क्या मेरे संग गुजरी रातें
देखने वाले तुम्हें तो
होंगे लाखो में
मेरे जैसा प्यार होगा
किसकी आँखों में
चाहे जितनी कोशिश करलों
किसी और की हो ना पाओगी
क्या चीज गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
क्या चीज गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
आसमान तेरा
रोशनी को तरस जाएगा
चाँद ये लौट कर
अब ना आयेगा
जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
बारिशों में छुपके
जितना रोया हूँ मैं
तुमको भी उतना कभी रोना पड़ेगा
सिर्फ मेरा टूटना काफी नहीं है
तुमको भी तो मुंतशिर होना पड़ेगा.
Dil toda toh kyun toda
Itna toh bata deti
Koi bahaana kar leti
Koi toh wajah deti
Dil toda toh kyun toda
Itna toh bata deti
Koi bahaana kar leti
Koi toh wajah deti
Jab yaad tumhein main aaunga
Raaton mein bahot ghabraogi
Kya cheez gawa di hai tumne
Ye soch ke so na paogi
Kya cheej gawa di hai tumne
Ye soch ke so na paogi
Jo chaand tumhara mera tha
Woh chaand kahan se laogi
Kya cheez gawa di hai tumne
Ye soch ke so na paogi
Kya kya baatein karti thi
Baahon mein kho ke
Tum jo bichhde
Mar jaungi main ro ro ke
Auron se tum
Dohrati ho jab ye baatein
Yaad aati hain
Kya mere sang gujri raatein
Dekhne wale tumhein toh
Honge lakho mein
Mere jaisa pyar hoga
Kiski aankhon mein
Chahe jitni koshish karlo
Kisi aur ki ho na paogi
Kya cheez gawa di hai tumne
Ye soch ke so na paogi
Kya cheez gawa di hai tumne
Ye soch ke so naa paogi
Jo chaand tumhara mera tha
Woh chaand kahan se laogi
Kya cheez gawa di hai tumne
Ye soch ke so na paogi
Aasmaan tera
Roshni ko taras jayega
Chaand ye laut kar
Ab na aayega
Jo chaand tumhara mera tha
Woh chaand kahan se laogi
Kya cheez gawa di hai tumne
Ye soch ke so na paogi
Barishon mein chhup ke
Jitna roya hu main
Tumko bhi utna kabhi rona padega
Sirf mera tootana kaafi nahi hai
Tumko bhi toh muntashir hona padega.