Watan Pe Jo Fida Hoga Lyrics – Mohammed Rafi
Himala ki bulandi se
Suno aawaj hai aayi
Kaho maao se de bete
Kaho behano se de bhai
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Rahegi jab talak ye duniya
Ye asfana bayaa hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Himala keh raha hai
Is watan ke nojawano se
Khada hu santari ban ke
Mai sarhad pe jamano se
Bhala is waqt dekhu kon
Mera pasbaan hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Saiyado ne lalkara
Utho har phool se keh do ke
Ban jaye wo angara
Nahi to dosto ruswa
Humara gulistan hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Rahegi jab talak ye duniya
Ye asfana bayaa hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Hamare ek padoshi ne
Hamare ghar ko luta hai
Hamare ek padoshi ne
Hamare ghar ko luta hai
Baram ek dost ki
Dosti ka aise tuta hai
Ke ab har dost pe duniya ko
Dusman ka guman hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Sipahi dete hai aawaj
Matao ko behano ko
Hame hathiyar la do
Bech do apne gehno ko
Ke is kurab bekuraban
Watan ka har nojawan hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga
Rahegi jab talak ye duniya
Ye asfana bayan hoga
Watan pe jo fida hoga
Amar wo nojawan hoga.
हिमाला की बुलन्दी से सुनो आवाज़ है आयी
कहो माँओं से दें बेटे कहो बहनों से दें भाई
रहेगी जब तलक दुनिया ये अफ़साना बयाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
हिमाला केह रहा है इस वतन के नौजवानों से
खड़ा हूँ संतरी बनके मैं सरहद पे ज़मानों से
भला इस वक़्त देखूँ कौन मेरा पासबाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
चमन वालों की ग़ैरत को है सैय्यादों ने ललकारा
उठो हर फूल से केह दो कि बन जाये वो अंगारा
नहीं तो दोस्तों रुसवा हमारा गुलसिताँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
रहेगी जब तलक दुनिया ये अफ़साना बयाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
हमारे ऐक पड़ोसी ने हमारे घर को लूटा है
हमारे ऐक पड़ोसी ने हमारे घर को लूटा है
भरम इक दोस्त की बस दोस्ती का ऐसे टूटा है
के अब हर दोस्त पे दुनिया को दुश्मन का गुमाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
सिपाही देते हैं आवाज़ माताओं को बहनों को
हमें हथियार ले दो बेच डालो अपने गेहनों को
कि इस क़ुर्बानी पे क़ुर्बां वतन का हर जवाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा
रहेगी जब तलक दुनिया ये अफ़साना बयाँ होगा
वतन पे जो फ़िदा होगा अमर वो नौजवाँ होगा.