Tumse Kya Kehna Lyrics – Sonu Nigam
तुम से क्या कहना है सुनो तुम से क्या अब सुनने
छोड़ दिया अब चांदनी रात में मैंने सपने बुनना
मै अपनी तनहाई से अब सब कह लेता हु
तुम बोलो न बोलो, तुम बोलो न बोलो
तुम बोलो न बोलो, तुम बोलो न बोलो, ना बोलो..
तुम बोलो न बोलो, ना बोलो..
रात को जब चाँद पूछे गए वो कैसी लग रही थी
चाँद से कह दूंगा मुझ को तेरे जैसी लग रही थी
उस में भी एक दाग निकला तू भी तो घटता है
देर सवेर से चढ़ता है
तेरा सोना कब खड़ा था
सिर्फ अशर्फ़ी की तरह था
जब तुम मिलो कहेना उसे
जरूरी नहीं है तुम बोलो न बोलो
तुम बोलो न बोलो
मेरी शायर ने कहा था मोड़ दे कर छोड़ देना
अजनबी फिर अजनबी है गहने बोहोत पहने गए
याद का ज़ेवर नया है दर्द जो घुलते नहीं है
रंग वो धुलते नहीं है
सारे गिले बाक़ी रहे मगर याद है
तुम बोलो न बोलो
तुम बोलो न बोलो
तुम से क्या कहना है
सुनो तुम से क्या अब सुनने
छोड़ दिया अब चांदनी
रात में मैं ने सपने बुनना
मै अपनी तनहाई से अब सब कह लेता हु
तुम बोलो न बोलो, तुम बोलो न बोलो
तुम बोलो न बोलो, तुम बोलो न बोलो.
Tum se kya kehna hai, suno tum se kya ab sunna
Chorr diya ab chandni raat mein maine sapne bunna
Mai apni tanhai se ab sab keh leta hu
Tum bolo na bolo, tum bolo na bolo
Tum bolo na bolo, tum bolo na bolo, na bolo…
Tum bolo na bolo, na bolo…
Rat ko jab chand puche ga wo kesi lag rahi thi
Chand se kah dunga, mujh ko tere jesi lag rahi thi
Us me bhi ek dag nikla tu bhi to ghat ta hai, barhta hai
Der sawer se chadta hai
Tera sona kab khara tha
Sirf asharfi ki tarah tha
Jab tum milo, kahna use, zaruri nahi hai
Tum bolo na bolo, tum bolo
Tum bolo na bolo, na bolo, na bolo…
Meri shayar ne kaha tha, mod de kar chod dena
Ajnabi phir ajnabi hai gehne bohot pehno ge
Yaad ka zewar naya hai dard jo ghulte nahi hai
Rang wo dhulte nahi hai
Sare giley baaqi rahae, magar yaad hai
Tum bolo na bolo
Tum bolo na bolo
Tum se kya kehna hai,
Suno tum se kya ab sunna
Chod diya ab chandni
Rat mein main ne sapne bunna
Mai apni tanhai se ab sab keh leta hu
Tum bolo na bolo, tum bolo na bolo
Tum bolo na bolo, na bolo
Tum bolo na bolo, na bolo…