Tu Mile To Puchu Tujhse Lyrics – Mukesh Chand Mathur (Mukesh)
हर दिल में नफरत भरी है
कोई दिल साफ नहीं है
मालिक तेरी सारी दुनिआ
में कही इंसाफ नहीं है
तू मिले तो पुछु तुझसे
क्या ये है न्याय तेरा
दुनिआ को दिए उजले और
मुझको दिया अँधेरा
तू मिले तो पुछु तुझसे हो
नेकी करने वालो को
मिलती यहाँ बुराई है
नेकी करने वालो को
मिलती यहाँ बुराई है
खुद गरजी के तुफानो
में डूब गयी सच्चाई है
किसी की नगरी बस गयी देखो
किसी का लुट गया डेरा
तू मिले तो पुछु तुझसे हो
कितनी उमंगें लाये थे हम
दिल में समेट कर
ले जा रहे है हसरते
कफ़न में लपेट कर
अब किसका करे भरोषा
जब तूने ही मुँह फेरा
दुनिआ को दिए उजाले
और मुझको दिया अँधेरा
मुझको दिया अँधेरा
मुझको दिया अँधेरा.
Har dil me nafrat bhari hai
Koi dil saf nahi hai
Malik teri sari dunia
Me kahi insaf nahi hai
Tu mile to puchu tujhse
Kya ye hai nyay tera
Dunia ko diye ujale or
Mujhko diya andhera
Tu mile to puchu tujhse ho
Neki karne walo ko
Milti yaha burai hai
Neki karne walo ko
Milti yaha burai hai
Khud garzi ke tufano
Me dub gayi sachai hai
Kisi ki nagri bas gayi dekho
Kisi ka lut gaya dera
Tu mile to puchu tujhse ho
Kitni umange laye the hum
Dil me samet kar
Le ja rahe hai hasrate
Kafan me lapet kar
Ab kiska kare bharosha
Jab tune hi muh fera
Dunia ko diye ujale
Or mujhko diya andhera
Mujhko diya andhera
Mujhko diya andhera.