Teri Photo Lyrics – Akriti Kakar, Papon
Tere mukhde toh nazar vi hatt di naa
Sunni sunni ye raatan katt di naa
Tere mukhde toh nazar vi hatt di naa
Nazara de vich tu vasdi
Bahara khush je tu hasdi
Ve tere bolj meethe sunda main rawa…
Ki teri pyari photo nu main photo nu main
Chumda hi rawa
Ki tere picche majnu banke ranjha banke
Ghumda hi rawa
Ki teri pyari photo lu main photo lu main
Chumda hi rawa
Ki tere picche majnu banke ranjha banke
Ghumda hi rawa
Ho…
Tere bin mera mann ek pal nai lagda
Teri hi sunda ae meri nai manda
Tere bin mera mann ek pal nai lagda
Teri hi sunda ae meri nai manda
Ek chota sa ghar hoye
Khusiyaan da manjar hoye
Ese khwaab main har pal bunda hi rawa
Ki teri pyari photo nu main photo nu main
Chumdi hi rawa
Ki tere pichee laila banke heeriye banke
Ghumdi hi rawa
Ki teri pyaari photo lu main photo lu main
Chumdi hi rawa
Ki tere pichee laila banke heeriye banke
Ghumdi hi rawa….haye
Sunni sunni ye raatan katt di naa
Tere mukhde toh nazar vi hatt di naa
Sunni sunni ye raatan katt di naa
Tere mukhde toh nazar vi hatt di naa
Main tai toh jag saara varu
Ye dil har pal tujhpe haru
Main tere waqt ka jabse ek pal ban gaya
Ki teri sohni aankha da main
Akhiyaan da kajal ban gaya
Tujhe hove barkha tan main
Sohni tera badal…ban gaya haye..
सुन्नी सुन्नी ये रातां कट दी ना
तेरे मुखड़े तों नज़र वी हट दी ना
सुन्नी सुन्नी ये रातां कट दी ना
तेरे मुखड़े तों नज़र वी हट दी ना
नज़ारा दे विच तू वसदी
बहरा खुश जे तू हसदी
वे तेरे बोल जे मीठे सुन्दा मैं रवा
की तेरी प्यारी फोटो नू मैं फोटो नू मैं
चुम्दा ही रवा
की तेरे पिच्छे मजनू बन के राँझा बन के
घुम्दा ही रवा
की तेरी प्यारी फोटो नू मैं फोटो नू मैं
चुम्दा ही रवा
की तेरे पिच्छे मजनू बन के राँझा बन के
घुम्दा ही रवा
तेरे बिन मेरा मन इक पल नहीं लगदा
तेरी ही सुन्दा ऐ मेरी नहीं मन दा
तेरे बिन मेरा मन इक पल नहीं लगदा
तेरी ही सुन्दा ऐ मेरी नहीं मन दा
इक छोटा सा घर होये
खुशियाँ दा मंजर होये
ऐसे ख्वाब मैं हर पल बुन दा ही रवा
की तेरी प्यारी फोटो नू मैं फोटो नू मैं
चुम्दा ही रवा
की तेरे पिच्छे मजनू बन के राँझा बन के
घुम्दा ही रवा
की तेरी प्यारी फोटो नू मैं फोटो नू मैं
चुम्दा ही रवा
की तेरे पिच्छे मजनू बन के राँझा बन के
घुम्दा ही रवा…..हाये
सुन्नी सुन्नी ये रातां कट दी ना
तेरे मुखड़े तों नज़र वी हट दी ना
मैं तेथों जग सारा वारु
ये दिल हर पल तुझपे हारू
मैं तेरे वक़्त का जबसे इक पल बन गया
की तेरी सोहनी आँखा दा मैं
अखियाँ दे काजल बन गया
तुझे होवे बरखा तां मैं
सोहनी तेरा बदल बन गया हाये.