Suna Ghar Suna Aangan Lyrics – Manish S Sharma
Jis Raat Ki Subah Ho Nahi Payi
Jis Raat Ki Subah Ho Nahi Payi
Phirta Raha Andhero Mein Roshani Kaha Ayi
Suna Ghar Suna Aangan Suna Suna Man Ka Dwaar
Udti Patang Kat Gayi Re Bikhra Hua Sansar
Patang Kat Gayi Re Dhaga Kat Gaya Re
Kat Gaya Re Kat Gaya Re
Zakham Bhi Tu De Tu Rush Jaye
Apna Kar Kyun Tu Thukraye Khel Tera Ye Kaisa
Bezzar He Bedard Si Tanhai Raas Na Ab Kuch Aye
Aisa Kyun Batade Tu Tujhe Aye Reham Kyun Na
Tu Hein Ya Nahi Phir Bharam Mein Betha He Sansar
Tu Hein To Kar De Ab Subah Re
Suna Ghar Suna Aangan Suna Suna Man Ka Dwaar
Udti Patang Kat Gayi Re Bikhra Hua Sansar
Patang Kat Gayi Re Dhaga Kat Gaya Re
Kat Gaya Re Kat Gaya Re
जिस रात की सुबह हो नहीं पाई
जिस रात की सुबह हो नहीं पाई
फिरता रहा अँधेरो में रोशनी कहा आई
सुना घर सुना आँगन सुना सुना मन का द्वार
उड़ती पतंग कट गई रे बिखरा हुआ संसार
पतंग कट गई रे धागा कट गया रे
कट गया रे कट गया रे
जख्म भी तू दे तू रुष जाए
अपना कर क्यूँ तू ठुकराए खेल तेरा ये कैसा
बेज़ार हे बेदर्द सी तन्हाई रास ना अब कुछ आए
ऐसा क्यूँ बतादे तू तुझे आए रेहम क्यूँ ना
तू हे या हे नहीं फिर भरम में बैठा ही संसार
तू हे तो कर दे अब सुबह रे
सुना घर सुना आँगन सुना सुना मन का द्वार
उड़ती पतंग कट गई रे बिखरा हुआ संसार
पतंग कट गई रे धागा कट गया रे
कट गया रे कट गया रे