Sun Zara Lyrics – Pragya Dasgupta
Dil Ki Baten Kaab Thak
Hoto Tak Na Layenge
Lamhe Jo Guzure Lout Ke
Naa Vapas Aayenge
Kehbhi Du To Ishq Me Tere
Ho Jayege Fanaa
Besabar Saa Man Ye Mera
Hota Hai Bepanah
Sun Zara Sun Zara
Dhadkane Kuch Keh Rahi Hai
Sun Zara Sun Zara Mahiya
Sun Zara Sun Zara
Sanson Me Jane Ye Kaisi Nami Hai
Sun Zara Sun Zara Mahiya
Aa Mujhe Tham Le
Fasale Sab Mita Ke
Mujhko Aaram De
Dard Sare Bhula Ke
Tofa Ye Ishq Ka
Aa Tujhe Soap Du
Pyaar Se Tu De Zahar
Main Haste Bekhauf Lu
Sun Zara Sun Zara
Dhadkane Kuch Keh Rahi Rai
Sun Zara Sun Zara Mahiya
Sun Zara Sun Zara
Sanson Me Jane Ye Kaisi Nami Hai
Sun Zara Sun Zara Mahiya
दिल की बाते कब तक
होठों तक ना लायेंगे
लम्हे जो गुज़रे लौट के
ना वापस आयेंगे
केहभी दु तो इश्क़ में तेरे
हो जायेगे फ़ना
बेसबर सा मन ये मेरा
होता है बेपनाह
सुन ज़रा सुन ज़रा
धड़कने कुछ कह रही है
सुन ज़रा सुन ज़रा माहिया
सुन ज़रा सुन ज़रा
सांसों में जाने ये कैसी नमी है
सुन ज़रा माहिया
आ मुझे थाम ले
फासले सब मिटा के
मुझको आराम दे
दर्द सारे भुला के
तोहफा ये इश्क़ का
आ तुम्हे सौप दूँ
प्यार से तू दे ज़हर
मैं हसते बेख़ौफ़ लू
सुन ज़रा सुन ज़रा
धड़कनें कुछ कह रही है
सुन ज़रा सुन ज़रा माहिया
सुन ज़रा सुन ज़रा
साँसों में जाने ये कैसी नमी है
सुन ज़रा सुन ज़रा माहिया