Sun Sun Sun Mera Yaar Lyrics – Amit Kumar, Kavita Krishnamurthy
सुन सुन सुन मेरे यार
मस्ती के दिन हैं चार
सुन सुन सुन मेरे यार
मस्ती के दिन हैं चार
नाच और गाकर धूम
मचाकर हाथ मिलकर
बोल जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
सुन सुन सुन मेरे यार
मस्ती के दिन हैं चार
नाच और गाकर धूम
मचाकर हाथ मिलकर
बोल जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
रोके न रुकेगी दरिया की रवानी
जेक फिर न आये दो दिन की जवानी
रोके न रुकेगी दरिया की रवानी
जेक फिर न आये दो दिन की जवानी
जब तक है ये दिल जवां
मोज़ मन ले तू यहाँ
ये मदहोशी ये शमा
हाथ में आये फिर कहा
इसीलिए तो कहती हूँ
नाच और गाकर धूम
मचाकर जोश में आकर
बोल जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
सुन सुन सुन मेरे
यार मस्ती के दिन हैं चार
नाच और गाकर धूम
मचाकर हाथ मिलकर
बोल जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
आगे है जवानी
पीछे हैं ज़माना
आजा लिख डाले दिल का अफसाना
आगे है जवानी
पीछे हैं ज़माना
आजा लिख डाले दिल का अफसाना
मौसम है ये प्यार का
वेड का इकरार का
वक़्त नहीं तकरार का
साथ मिला दिलदार का
इसीलिए तो कहता हूँ
नाच और गाकर धूम
मचाकर दिल लगाकर
बोल जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
सुन सुन सुन मेरे यार
मस्ती के दिन हैं चार
नाच और गाकर धूम
मचाकर हाथ मिलकर
बोल जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद.
Sun sun sun mere yaar
Masti ke din hain char
Sun sun sun mere yaar
Masti ke din hain char
Nach aur gakar dhum
Machakar hath milakar
Bol jawani zindabad
Jawani zindabad
Sun sun sun mere yaar
Masti ke din hain char
Nach aur gakar dhum
Machakar hath milakar
Bol jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Roke na rukegi dariya ki ravani
Jake phir na aaye do din ki jawani
Roke na rukegi dariya ki ravani
Jake phir na aaye do din ki jawani
Jab tak hai ye dil jawa
Moz mana le tu yaha
Ye madhoshi ye shama
Hath mein aaye phir kaha
Isiliye to kahti hoon
Nach aur gakar dhum
Machakar josh mein aakar
Bol jawani zindabad
Jawani zindabad
Sun sun sun mere
Yaar masti ke din hain char
Nach aur gakar dhum
Machakar hath milakar
Bol jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Aage hai jawani
Pichhe hain zamana
Aaja likh dale dil ka afsana
Aage hai jawani
Pichhe hain zamana
Aaja likh dale dil ka afsana
Mosam hai ye pyar ka
Wade ka ikrar ka
Waqt nahin takrar ka
Sath mila dildar ka
Isiliye to kahta hoon
Nach aur gakar dhum
Machakar dil lagakar
Bol jawani zindabad
Jawani zindabad
Sun sun sun mere yaar
Masti ke din hain char
Nach aur gakar dhum
Machakar hath milakar
Bol jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad
Jawani zindabad.