Sannata Lyrics – Sonu Nigam, Lakshay Sharma, Supriya Pathak
Dhara Ke Viparit Chale
Apni Hi Naav Duba Baithe
Aag Lagane Wale Hi
Apni Tasrif Jala Baithe
Ho Dhara Ke Viparit Chale
Apni Hi Naav Duba Baithe
Aag Lagane Wale Hi
Apni Tasrif Jala Baithe
Juth Ki Patloon Le Utari He
Sach Ki Pagadi Jiti He
Aaj Hawayein Bhagwa He Hum
Aisi Dhaag Jama Baithe
Jitane Ki Hume Do Badhai
Itna Sannata He Kyu Bhai
Mooh Karo Mitha Khao Mithai
Itna Sannata He Kyu Bhai
Jitane Ki Hume Do Badhai
Itna Sannata He Kyu Bhai
Sannata Sannata Sannata Kyu He Bhai
Tum Jiska Uphas Udake
Samjete The Khota Sikka
Aaj Usine Baazi Mari
Banke Hukam Ka Ikka
Tumne To Googly Dali Thi
Mara He Humne Chakka
Roke Se Ab Nahi Rukega
Rastravad Ka Chakka
Kaal Chamcho Ki Ab Gal Na Payi
Itna Sannata Kyu He Bhai
Kaal Chamcho Ki Ab Gal Na Payi
Itna Sannata Kyu He Bhai
Hor Badlav Ki Khilkhilayi
Itna Sannata Kyu He Bhai
Sannata Sannata Sh Sannata
Ab Khair Nahi Jaichando Ki
He Gunj Raha Jaikara
Itihas Naya Hum Likh Denge
Modenge Ulti Dhara
Kitani Hi Qurbani Di He
Lane Ko Waqt Humara
Ha Phir Se Sone Ki Chidiya
Hoga Ye Desh Humara
Ab Jubani Humari He Ayi
Itna Sannata Kyu He Bhai
Le Raha He Samay Anagadaai
Itna Sannata Sannata Sannata Kyu He Bhai
Itna Sannata Kyu He Bhai
धारा के विपरीत चले
अपनी ही नाव डूबा बैठे
आग लगाने वाले ही
अपनी तसरीफ जला बैठे
हो धारा के विपरीत चले
अपनी ही नाव डूबा बैठे
आग लगाने वाले ही
अपनी तसरीफ जला बैठे
जुठ की पतलून ले उतरी हे
सच की पगड़ी जीती हे
आज हवाएं भगवा हे हम
ऐसी धाग जमा बैठे
जितने की हमें दो बधाई
इतना सन्नाटा हे क्यू भाई
मुँह करो मीठा खाओ मिठाई
इतना सन्नाटा हे क्यू भाई
जितने की हमें दो बधाई
इतना सन्नाटा हे क्यू भाई
सन्नाटा सन्नाटा सन्नाटा क्यू हे भाई
तुम जिसका उपहास उड़ाके
समजे थे खोटा सिक्का
आज उसने बाजी मारी
बनके हुकम का इक्का
तुमने तो गुगली डाली थी
मारा हे हमने छक्का
रोके से अब नहीं रुकेगा
राष्ट्रवाद का चक्का
काल चमचो की अब गल ना पाई
इतना सन्नाटा क्यों हे भाई
काल चमचो की अब गैल न पाई
इतना सन्नाटा क्यू हे भाई
होर बदलाव की खिलखिलाई
इतना सन्नाटा क्यू हे भाई
सन्नाटा सन्नाटा श सन्नाटा
अब खैर नहीं जयचंदो की
हे गूंज रहा जयकारा
इतिहास नया हम लिख देंगे
मोडेंगे उल्टी धारा
कितनी ही कुर्बानी दी हे
लाने को वक़्त हमारा
हा फिर से सोने की चिड़िया
होगा ये देश हमारा
अब जुबानी हमारी हे आई
इतना सन्नाटा क्यू हे भाई
ले रहा हे समय अंगड़ाई
इतना सन्नाटा सन्नाटा सन्नाटा क्यू हे भाई
इतना सन्नाटा क्यों हे भाई