Rustom Vahi Lyrics – Sukriti Kakar
अजनबी है ज़मीं
दुश्मन भी दोस्त में
जान दे के मिले
जान ले के मिले
प्यार तो प्यार है
चाहे जैसे मिले
कैसे हैं फिकर गलत क्या सही
जो जीता यहाँ है रुस्तम वही
यार ही तो प्यार है
हाँ प्यार ही तो हथयार है रुस्तम का
किसे है फिकर गलत क्या सही
जो जीता यहाँ है रुस्तम वही
तू सोच ले हर सोच से
है दस क़दम आगे वो
ले जायेगा आँखों तले
साँसे तेरी चुरा के वो
तू सोच ले हर सोच से
है दस क़दम आगे वो
ले जायेगा आँखों तले
साँसे तेरी चुरा के वो
ढून्ढ ले वो तुझे
बाज़ी है जान की
जान दे जान ले
आन है वो शान है
कुछ और ही अंदाज़ है रुस्तम का
किसे है फिकर ग़लत क्या सही
जो जीता यहाँ है रुस्तम वही
किसे है फिकर ग़लत क्या सही
जो जीता यहाँ है रुस्तम वही.
Ajnabi hai zameen
Dushman mein dost mein
Jaan de ke mile
Jaan le ke mile
Pyar toh pyar hai
Chahe jaise mile
Kise hai fikar galat kya sahi
Jo jeeta yahan hai rustom vahi
Yaar hi toh pyar hai
Haan pyar hi toh hathyaar hai rustom ka
Kise hai fikar galat kya sahi
Jo jeeta yahan hai rustom vahi
Tu soch le har soch se
Hai das kadam aage woh
Le jayega ankhon talle
Saanein teri chura ke woh
Tu soch le har soch se
Hai das kadam aage woh
Le jayega ankhon talle
Saanein teri chura ke woh
Dhoondh le woh tujhe
Baazi hai jaan ki
Jaan de ja jan le
Aan hai toh shaan hai
Kuch aur hi andaz hai rustom ka
Kise hai fikar galat kya sahi
Jo jeeta yahan hai rustom vahi
Kise hai fikar galat kya sahi
Jo jeeta yahan hai rustom vahi.