Rudrashtakam Lyrics – Sonu Nigam
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोहम्
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शकरं सर्वनाथं भजामि
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं
त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये
ये पठ्न्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भु: प्रसीदति
इति श्रीगोस्वामीतुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं संपूर्णम.
Namamishamishana nirvana rupam
Namamishamishana nirvana rupam
Vibhum vyapakam brahmaveda svaroopam
Nijam nirgunam nirvikalpam niriham
Nijam nirgunam nirvikalpam niriham
Chidakashamakashavasam bhajeham
Namamishamishana nirvana rupam
Nirakaramonkaramoolam turiyam
Giragyanagotitamisham girisham
Karalam mahakala kalam krpalam
Gunagara samsara param nato ham
Namamishamishana nirvana rupam
Tusha radri-sankasha gauram gabhiram
Manobhuta-koti prabha shree shariram
Sphuran maulikallolinicharuganga
Lasad-bhala-balendu kanthe bhujanga
Namamishamishana nirvana rupam
Chalatkundalam bhru sunetram vishalam
Prasanna-nanam nila-kantham dayalam
Mrgadhisa charmambaram mundamalam
Priyam sankaram sarvanatham bhajami
Namamishamishana nirvana rupam
Akhandam ajam bhanukotiprakasam
Trayahshulanirmulanam shulapanim
Bhajeham bhavanipatim bhavagamyam
Namamishamishana nirvana rupam
Kalatitata kalyana kalpantakari
Sada sajjananandadata purarih
Chidananda sandoha mohapahari
Prasida prasida prabho manmathari
Namamishamishana nirvana rupam
Na yavad umanatha padaravindam
Bhajantiha loke pare va naranam
Na tavatsukham shanti santapanasham
Prasida prabho sarva bhuta dhivasam
Namamishamishana nirvana rupam
Na janami yogam japam naiva pujam
Natoham sada sarvada sambhu tubhyam
Jara janma-duhkhaugha tatapyamanam
Prabho pahi apannamamisha shambho
Namamishamishana nirvana rupam
Rudrashtakamidam proktam vipren hartoshaye
Ye pathanti nara bhaktya tesham shambhu prasidati
Iti shreegoswamitulsidaskurtam shree rudrashtakam sampurnam.