Rab Ruseya Lyrics – Shriram Iyer
राहों पे दिल फिर देख आवारा
तय किया इश्क़ ने और मैं हारा
लिखा तक़दीर में था ये नज़ारा
टूटा आसमां से मैं वो तारा
रब रुसेया, जग रुसेया
मेरे होंण दा सबब रुसेया
रब रुसेया, जग रुसेया हम्म..
रब रुसेया, जग रुसेया
मेरे होंण दा सबब रुसेया
रब रुसेया, जग रुसेया
हा.. हो..
नैनों से बार बार वे
बहे जो ज़ार ज़ार वे
भेद इश्क़े दा खुल गया सारा
तीर आरपार वे हुआ दिल के पार वे
सौ सौ बार ये दिल तुझपे वारा
बिन तेरे होना कैसे गुज़ारा
लिखा तक़दीर में था ये नज़ारा
टूटा आसमां से मैं वो तारा
रब रुसेया, जग रुसेया
मेरे होंण दा सबब रुसेया
रब रुसेया, जग रुसेया
रब रुसेया, जग रुसेया
मेरे होंण दा सबब रुसेया
रब रुसेया, जग रुसेया हम्म..
हा.. हो..
Raahon pe dil phir dekh awaara
Tai kiya ishq ne aur main haara
Likha taqdeer mein tha yeh nazara
Toota aasmaan se main woh taara
Rab ruseya, jag ruseya
Mere hon daa sabab ruseya
Rab ruseya, jag ruseya hmm..
Rab ruseya, jag ruseya
Mere hon daa sabab ruseya
Rab ruseya, jag ruseya
Ha..ho..
Nainon se baar baar ve
Bahe jo zaar zaar ve
Bhed ishqe da khul gaya saara
Teer aar paar ve hua dil ke paar ve
Sau sau baar yeh dil tujhpe vaara
Bin tere hona kaise guzaara
Likha taqdeer mein tha yeh nazara
Toota aasmaan se main woh taara
Rab ruseya, jag ruseya
Mere hon daa sabab ruseya
Rab ruseya, jag ruseya
Rab ruseya, jag ruseya
Mere hon daa sabab ruseya
Rab ruseya, jag ruseya
Ha..ho..