Purvaiya Lyrics – Shankar Mahadevan
Yahi zindagi hasaye
Yahi zindagi rulaaye
Yahi zindagi de lory
Yahi zindagi jagaye
Yahi raati hain andhere
Yahi roshani jhulaye
Yahi zakhmo zakhm karde
Or yahi marham lagaye
Har pal yaha naya sama
Naye zameen naye asmaan
Kabhi to hain narm hava
Or kabhi karm andhiyan hain
Andhiyan
Tez chali re purvaiya
Din mera ni raat re
Tez chali re purvaiya
Bikhre hain phool or path re
To bas haira haira soche insaan
Honi hain ab kya baat re
Bas haira haira soche insaan
Honi hain ab kya baat re
Tez chali re purvaiya
Samay ke panno pe likh rahi
Hain ye zindagi jo kahaani
Hain kaise mod pe aane wale
Ye baat kisne hain jaani.
यही ज़िंदगी हसाये
यही ज़िंदगी रुलाये
यही ज़िंदगी दे लोरी
यही ज़िंदगी जगाये
यही राति हैं अँधेरे
यही रोशनी झुलाये
यही ज़ख्मो ज़ख्म करदे
और यही मरहम लगाए
हर पल यहाँ नया समां
नए ज़मीन नए आसमान
कभी तो हैं नर्म हवा
और कभी कर्म अँधियाँ हैं
अँधियाँ
तेज़ चली रे पुरवैया
दिन मेरा नी रात रे
तेज़ चली रे पुरवैया
बिखरे हैं फूल और पाथ रे
तो बस हैरा हैरा सोचे इंसान
होनी हैं अब क्या बात रे
तो बस हैरा हैरा सोचे इंसान
होनी हैं अब क्या बात रे
तेज़ चली रे पुरवैया
समय के पन्नो पे लिख रही
हैं ये ज़िंदगी जो कहानी
हैं कैसे मोड़ पे आने वाले
ये बात किसने हैं जानी.