Pee Kar Sharab Khailon Ga Lyrics – Mohammed Rafi
इधर सरब का सागर
उधर सबब का जैम
इसे पिए या उसे
सोच में शराबी है
सरब से तो बुझलुँगा
प्यास होठो की
सबब आँख से पी
लू तो क्या खराबी है
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
पी कर शराब खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
सकीय इधर सुराही
उधर ज़ुल्फ़ है खुली
ऐसे में ज़िन्दगी है
नशे में धुली धुली
सकीय इधर सुराही
उधर ज़ुल्फ़ है खुली
ऐसे में ज़िन्दगी है
नशे में धुली धुली
एक ख्वाब देखा हूँ
या जागा हूँ ख़्वाब से
पी कर शराब खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
पी कर
मैं लड़खड़ा गया
तो बड़ी बात क्या हुई
बहके न पी के
रात को तो रात क्या हुई
मैं लड़खड़ा गया
तो बड़ी बात क्या हुई
बहके न पी के
रात को तो रात क्या हुई
पानी नहीं शराब
पिऊ जो हिसाब से
पी कर शरण खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
पी कर.
Idhar sarab ka sagar
Udhar sabab ka jam
Ise piye ya use
Soch mein sarabi hai
Sarab se to bujhalunga
Pyas hotho ki
Sabab aankh se pee
Lu to kya khrabi hai
Main to main to sabab se
Haye baithe hai mere
Samne chehre gulab se
Pee kar sharan khelunga
Main to main to sabab se
Haye baithe hai mere
Samne chehre gulab se
Saki idhar surahi
Udhar zulf hai khuli
Aise mein zindagi hai
Nashe mein dhuli dhuli
Saki idhar surahi
Udhar zulf hai khuli
Aise mein zindagi hai
Nashe mein dhuli dhuli
Ek khwab dekha hoon
Ya jaga hu khwab se
Pee kar sharan khelunga
Main to main to sabab se
Haye baithe hai mere
Samne chehre gulab se
Pee kar
Main ladkhada gaya
To badi bat kya hui
Bahake na pee ke
Rat ko to rat kya hui
Main ladkhada gaya
To badi bat kya hui
Bahake na pee ke
Rat ko to rat kya hui
Pani nahi shrab
Piu jo hisab se
Pee kar sharan khelunga
Main to main to sabab se
Haye baithe hai mere
Samne chehre gulab se
Pee kar.