Neend Lyrics – Kaka
Neend Ka To Kya Hai
Aaye Na Aaye
Agar Tu Aa Jaye
To Sona Hi Kyu Hai
Hai Itni Bechaini
Ki Haal Na Koi Puchhe
Agar Pucche Tu To
Rona Hi Kyu Hai
Roya Hi Nahi Main Haar To Chukka Hu
Mara Nahi Bas
Mann Maar To Chukka Hu
Maut Ka Bhi Kya Hai
Kal Ki Aaj Aaye
Aaj Ki Abhi Aaye To
Maut Me Sukoon Hai
Hai Itni Mayoosi
Ki Haal Na Koi Pucche
Agar Pucche Tu To
Rona Hi Kyu Hai
Hai Kon Tu Mujhe Ye To Bata De
Ishq Agar Mujhse Hai To Thoda Sa Jata De
Mayoosiya Mita De Jata Ke Bata De
Ke Shiddat Hai Kitni Aur Kitna Junoon Hai
Neend Ka To Kya Hai
Aaye Na Aaye
Agar Tu Aa Jaye
To Sona Hi Kyu Hai
Hai Itni Udaasi
Ki Haal Na Koi Puchhe
Agar Pucche Tu To
Rona Hi Kyu Hai
Main Ye Gazal Ye Bairaag Ye Andhera
Ye Hai Mere Inka Main Kon Tera
Main Ye Gazal Ye Bairaag Ye Andhera
Ye Hai Mere Inka Main Kon Tera
Maana Ke Tu Mere Na Hone Se Khush Hai
To Palko Ko Ashko Se Dhona Hi Kyu Hai
Neend Ka To Kya Hai
Aaye Na Aaye
Agar Tu Aa Jaye
To Sona Hi Kyu Hai
Hai Itni Udaasi
Ki Haal Na Koi Puchhe
Agar Pucche Tu To
नींद का तो क्या है
आए ना आए
अगर तू आ जाए
तो सोना ही क्यों है
है इतनी बेचैनी
कि हाल ना कोई पूछे
अगर पूछे तू तो
रोना ही क्यों है
रोया ही नहीं मैं हार तो चुका हूँ
मरा नहीं बस
मन मार तो चुका हूँ
मौत का भी क्या है
कल की आज आए
आज की अभी आए तो
मौत में सुकून है
है इतनी मायूसी
कि हाल ना कोई पूछे
अगर पूछे तू तो
रोना ही क्यों है
है कौन तू मुझे ये तो बता दे
इश्क अगर मुझसे है तो थोड़ा सा जता दे
मायूसियाँ मिटा दे जताके बता दे
कि शिद्दत है कितनी और कितना जुनून है
नींद का तो क्या है
आए ना आए
अगर तू आ जाए
तो सोना ही क्यों है
है इतनी उदासी
कि हाल ना कोई पूछे
अगर पूछे तू तो
रोना ही क्यों है
मैं ये ग़ज़ल ये बैराग ये अँधेरा
ये हैं मेरे इनका मैं कौन तेरा
मैं ये ग़ज़ल ये बैराग ये अँधेरा
ये हैं मेरे इनका मैं कौन तेरा
माना कि तू मेरे ना होने से खुश है
तो पलकों को अश्कों से धोना ही क्यों है
नींद का तो क्या है
आए ना आए
अगर तू आ जाए
तो सोना ही क्यों है
है इतनी उदासी
कि हाल ना कोई पूछे
अगर पूछे तू तो