Matak Matak Lyrics – Vishvajeet Choudhary
Ho na chaale matak matak
Tu matka fod ke manegi
Na chaale matak matak
Tu matka fod ke manegi
Ho na aidi
Ho na aidi khaich ke maare
Ghungroo tod ke manegi
Haan na aidi khaich ke maare
Ghungroo tod ke manegi
Ha matka fod ke manegi
Ghungru re ra tod ke manegi
Ho na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi
Haan na aidi khaich ke maare
Ghungroo tod ke manegi
Re jab tu ghungat niche taare
Roop tera yo palke maare
Haan nagan ki jyu bat khari re
Dhunge choti julam gujaare
Jab tu ghungat niche taare
Roop tera yo palke maare
Haan nagan ki jyu bat khari re
Dunge choti julam gujaare
Ho bugle barge gaat ne
Kati nichod ke manegi
Ho na aidi
Ho na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi
Haan na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi
Ho latke se teri pori pori
Gir jyaga tera jhumka gori
Re poore gaam barodi mein re
Bairan tu ek tarfa hori
Latke se teri pori pori
Gir jyaga tera jhumka gori
Re poore gaam barodi mein re
Bairan tu ek tarfa hori
Ho suthrepan mein chaand
Kabhi mooh mod ke manegi
Ho na aidi
Ho na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi
Haan na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi
Ha matka fod ke manegi
Ghungroo re tod ke manegi
Ho na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi
Haan na aidi khaich ke maare
Ghungru tod ke manegi.
हो ना चाले मटक मटक
तू मटका फोड़ के मानेगी
ना चाले मटक मटक
तू मटका फोड़ के मानेगी
हो ना एड़ी
हो ना एड़ी खींच के मारे
घुंघरू तोड़ के मानेगी
हाँ ना एड़ी खींच के मारे
घुंघरू तोड़ के मानेगी
हा मटका फोड़ के मानेगी
घुंगरू रे तोड़ के मानेगी
हो ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी
हाँ ना एड़ी खींच के मारे
घुंघरू तोड़ के मानेगी
रे जब तू घूंघट निचे तारे
रूप तेरा यो पणके मारे
हाँ नागण की ज्यू बट खारी रे
डुंगे चोटी जुलम गुजारे
जब तू घूंघट निचे तारे
रूप तेरा यो पणके मारे
हाँ नागण की ज्यू बट खारी रे
डुंगे चोटी जुलम गुजारे
हो बुगले बर्गे गात ने
कटी निचोड़ के मानेगी
हो ना एड़ी
हो ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी
हाँ ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी
हो लटके से तेरी पोरी पोरी
गिर ज्यागा तेरा झुमका गोरी
रे पूरे गाम बरोडी में रे
बैरण तू एक तरफ़ा होरी
लटके से तेरी पोरी पोरी
गिर ज्यागा तेरा झुमका गोरी
रे पूरे गाम बरोडी में रे
बैरण तू एक तरफ़ा होरी
हो सुथरेपण में चाँद
कभी मुँह मोड़ के मानेगी
हो ना एड़ी
हो ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी
हाँ ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी
हा मटका फोड़ के मानेगी
घुंघरू रे तोड़ के मानेगी
हो ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी
हाँ ना एड़ी खींच के मारे
घुंगरू तोड़ के मानेगी.