Masstaani Lyrics – Asees Kaur
रब्बा..रब्बा..
भीगी भीगी अशकों की
कहानी ना बने
भीगी भीगी अशकों की
कहानी ना बने
रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ओ रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
बनके मासूम सपनों की गलियों में
भँवरे तमाम डूबे गलियों मे
बनके मासूम सपनों की गलियों में
भँवरे तमाम डूबे गलियों मे
चाहत का ये जज़्बात
बदगुमानी ना बने
चाहत का ये जज़्बात
बदगुमानी ना बने
रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ओ रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ये माना प्यार कोई
ज़ंजीर नहीं माने
वो रिश्ता क्या जिसको
ये ज़मीर नहीं मारे
करके दगा वो जो अपनों को छोड़ दे
दिल क्यूँ न ऐसे जूठे रिश्ते को तोड़ के
करके दगा वो जो अपनों को छोड़ दे
दिल क्यूँ न ऐसे जूठे रिश्ते को तोड़ के
जो हक़ पर चल सके ना
वो जवानी ना बने
जो हक पर चल सके ना
वो जवानी ना बने
रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ओ रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
किस्मत पे किसीका भी
कोई ज़ोर नहीं होता
पर इज्ज़त से बढ़ के
कुछ और नहीं होता
किस्मत पे किसीका भी
कोई ज़ोर नहीं होता
पर इज्ज़त से बढ़ के
कुछ और नहीं होता
उंगली ये जग उठाए
वो नादानी ना बने
उंगली ये जग उठाए
वो नादानी ना बने
रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ओ रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ओ रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने
ओ रब्बा कोई इश्क़ में
मस्तानी ना बने.
Rabba..rabba..
Bheegi bheegi ashqon ki
Kahani na bane
Bheegi bheegi ashqon ki
Kahani na bane
Rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
O rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
Bann ke masoom sapno ki galiyon mein
Bhanwre tamaam doobe galiyon mein
Bann ke masoom sapno ki galiyon mein
Bhanwre tamaam doobe galiyon mein
Chahat ka yeh jazbaat
Badgumaani na bane
Chahat ka yeh jazbaat
Badgumaani na bane
Rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
O rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
Yeh maana pyar koi
Zanjeer nahi maane
Woh rishta kya jisko
Yeh zameeer nahi maare
Karke daga woh jo apno ko chhod de
Dil kyun na aise jhoothe rishte ko tod ke
Kar ke daga woh jo apno ko chhod de
Dil kyun na aise jhoothe rishte ko tod ke
Jo haq par chal sake na
Woh jawaani na bane
Jo haq par chal sake na
Woh jawaani na bane
Rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
O rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
Qismat pe kisi ka bhi
Koi zor nahi hota
Par izzat se badh ke
Kuch aur nahi hota
Qismat pe kisi ka bhi
Koi zor nahi hota
Par izzat se badh ke
Kuch aur nahi hota
Ungli yeh jag uthaaye
Woh nadaani na bane
Ungli yeh jag uthaaye
Woh nadaani na bane
Rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
O rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
Rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
O rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
Rabba koi ishq mein
Masstaani na bane
O rabba koi ishq mein
Masstaani na bane.