Maa Ka Mann Lyrics – Vishal Mishra
Main Parwat Na Chada to Kya
Jagdambaa Mere Ghar Par Hai
O Main Parwat Na Chada to Kya
Jagdambaa Mere Ghar Par Hai
Sau Tirth Ka Hai Punya Mila
Maa Ke Pairon Mein Sar Hai
Yahi Vedo Main Yahi Vedo Main
Likha Hai Batati Hai Geeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maata Ka Mann Jeeta
Maa Ne Sajaya Humko Jaise
Aise Saja Ke Rakhna Hai Maa Ko
Raaj Dulara Humko Banaya
Rani Bana Ke Rakhna Hai Maa Ko
Jis Ungali Ne Chaand Dikhaya
Wo Ungali Na Chodenge
Maa Ka Dil Hai Mandir Jaisa
Mandir Na Todenge
Yahi Gyaan Hai Yahi Gyaan Hai
Raam Lalla Ka Yahi Krishna Se Hai Sikha
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kaun Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maata Ka Mann Jeeta
Mandir Main Jo Fool Chadaye
Wo Aangan Mein Bhi Ho Arpan
Maa Ki Chowki Ghar Ki Chaukath
Dono Hi Hote Hain Paawan
Kanha Ko Hai Jisne Janma
Raghurai Hai Jiske Lalna
Wahi Bandala Bhai Aaye
Bhesh Badalke Apne Angna
Wahi Devaki Wahi Devaki
Wahi Yashoda Wo Hi Parwati Sita
Kon Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kon Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kon Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maa Ka Mann Jeeta
Kon Haraye Uss Bete Ko
Jisne Maata Ka Mann Jeeta
मैं पर्वत ना चढ़ा तो क्या
जगदंबा मेरे घर पर हैं
ओ मैं पर्वत ना चढ़ा तो क्या
जगदंबा मेरे घर पर हैं
सौ तीर्थ का है पुण्य मिला
माँ के पैरो में सर है
यही वेदो मैं यही वेदो मैं
लिखा है बताती है गीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माता का मन जीता
माँ ने सझाया हमको जैसे
ऐसे सजा के रखना है माँ को
राज दुलारा हमको बनाया
रानी बना के रखना है माँ को
जिस उंगली ने चांद दिखाया
वो उंगली ना छोड़ेंगे
माँ का दिल है मंदिर जैसा
मंदिर ना तोड़ेंगे
यहीं ज्ञान है यहीं ज्ञान है
राम लल्ला का यही कृष्ण से है सिखा
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माता का मन जीता
मंदिर मैं जो फूल चढ़ाये
वो आंगन में भी हो अर्पण
माँ की चौकी घर की चौकठ
दोनों ही होते हैं पावन
कान्हा को है जिसका जन्म
रघुराई है जिसका ललना
वही बंदला भाई आये
भेष बदलके अपने अंगना
वही देवकी वही देवकी
वही यशोदा वोही पार्वती सीता
कोन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कोन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कोन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कोन हराए उस बेटे को
जिसने माता का मन जीता