Kya Cheez Hai Mohabbat Lyrics – Kavita Krishnamurthy, Kumar Sanu
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
दिल पूछता हैं तुमको पता है
दिल पूछता हैं तुमको पता है
यह राज़ क्या हैं हमको बतलाना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
दिल पूछता हैं तुमको पता है
यह राज़ क्या हैं हमको बतलाना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
तू है हसि दिल तुझपे आया है
तू अपना बना ले
आँखों में अपनी मैं तो
एक सपना तू मुझको सजले
तू है हसि दिल तुझपे आया है
तू अपना बना ले
आँखों में अपनी मैं तो
एक सपना तू मुझको सजले
इश्क़ मोहब्ब्बत प्यार इस
दुनिया की रस्मे बतलाना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
दिल पूछता हैं तुमको पता है
यह राज़ क्या हैं हमको बतलाना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
दिल की किताब तूने तो पड़ी होगी
मुझको पदादे
आँखों की भाषा मैंने तो
सीखी नहीं मुझको सिखादे
दिल की किताब तूने तो पड़ी होगी
मुझको पदादे
आँखों की भाषा मैंने तो
सीखी नहीं मुझको सिखादे
छेद के दिल का तार कभी
तू यार मेरे न तडपना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
दिल पूछता हैं तुमको पता है
यह राज़ क्या है हमको बतलाना
क्या चीज़ हैं मोहब्बत यह
ज़रा हमे भी समझाना
ठहरो ज़रा तुमको पड़ा दूंगी
मैं कच्ची नहीं हूँ
मैं प्यार करना
पल में सिखदूँगी
मैं कच्ची नहीं हूँ
ठहरो ज़रा तुमको पड़ा दूंगी
मैं कच्ची नहीं हूँ
मैं प्यार करना
पल में सिखदूँगी
मैं कच्ची नहीं हूँ
बड़ी इनायत यर तुमको
मन गया है दीवाना.
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Dil puchta hain tumko pata hai
Dil puchta hain tumko pata hai
Yeh raaz kya hain hamko batlana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Dil puchta hain tumko pata hai
Yeh raaz kya hain hamko batlana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Tu hai hasi dil tujhpe aya hai
Tu apna bana le
Ankho mein apni main to
Ek sapna tu mujko sajale
Tu hai hasi dil tujhpe aya hai
Tu apna bana le
Ankho mein apni main to
Ek sapna tu mujko sajale
Ishq mohabbbat pyar is
Duniya ki rasme batlana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Dil puchta hain tumko pata hai
Yeh raaz kya hain hamko batlana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Dil ki kitab tune to padi hogi
Mujhko padade
Ankho ki bhasa maine to
Sikhi nahi mujhko sikhade
Dil ki kitab tune to padi hogi
Mujhko padade
Ankho ki bhasa maine to
Sikhi nahi mujhko sikhade
Ched ke dil ka tar kabhi
Tu yar mere na tadpana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Dil puchta hain tumko pata hai
Yeh raz kya hai hamko batlana
Kya cheez hain mohabbat yeh,
Zara hume bhi samjhana
Thahro zara tumko pada dungi
Main kachi nahi hoon
Main pyar karna
Pal mein sikhadungi
Main kachi nahi hoon
Thahro zara tumko pada dungi
Main kachi nahi hoon
Main pyar karna
Pal mein sikhadungi
Main kachi nahi hoon
Badi inayat yar tumko
Man gaya hai deewana.