Kahani Lyrics – Mohan Kannan
Hmm hmm
Pam para rara rum
Ho raha hai jo ho raha hai kyon
Tum na jaano na hum
Pam para rara rum
Kya pata hum mein hai kahani
Ya hai kahani mein hum?
Pam para rara rum
Kabhi kabhi jo ye aadhi lagti hai
Aadhi likh de tu aadhi reh jaane de
Jaane de
Zindagi hai jaise baarishon ka pani
Aadhi bhar le tu aadhi beh jaane de
Jaane de
Hum samundar ka ek katra hai
Ya samandar hai hum?
Pam para rara rum
Ye hatheli ki lakeeron mein
Likhi saari hai
Ya zindagi humare
Iraadon ki maari hai?
Hai teri meri samajhdari
Samajh paane mein
Ya isko na samajhna hi
Samajhdari hai?
Baithi kaliyon pe titli ke jaisi
Kabhi rukne de kabhi udd jaane de
Jaane de
Zindagi hai jaise baarishon ka paani
Aadhi bhar le tu aadhi beh jaane de
Jaane de
Hai zaroorat se thodi zyada
Ya hai zaroorat se kam?
Pam para rara rum
Kya pata hum mein hai kahani
Ya hai kahani mein hum?
Pam para rara rum.
हमम हमम
पम परा रारा रम
हो रहा है जो हो रहा है क्यों
तुम ना जानो ना हम
पम परा रारा रम
क्या पता हम में है कहानी
या है कहानी में हम?
पम परा रारा रम
कभी कभी जो ये आधी लगती है
आधी लिख दे तू आधी रह जाने दे
जाने दे
ज़िंदगी है जैसे बारिशों का पानी
आधी भर ले तू आधी बह जाने दे
जाने दे
हम समुंदर का एक कतरा है
या समंदर है हम?
पम परा रारा रम
ये हथेली की लकीरों में
लिखी सारी है
या ज़िंदगी हमारे
इरादों की मारी है?
है तेरी मेरी समझदारी
समझ पाने में
या इसको ना समझना ही
समझदारी है?
बैठी कलियों पे तितली के जैसी
कभी रुकने दे कभी उड़ जाने दे
जाने दे
ज़िंदगी है जैसे बारिशों का पानी
आधी भर ले तू आधी बह जाने दे
जाने दे
है ज़रुरत से थोड़ी ज़्यादा
या है ज़रुरत से कम?
पम परा रारा रम
क्या पता हम में है कहानी
या है कहानी में हम?
पम परा रारा रम.