Kahaani (Title Track) Lyrics – Krishnakumar Kunnath (K.K), Vishal Dadlani
Chup rehkar bhi yeh sab kuch kehti hai
Sab kuch kehkar bhi chup hi rehti hai
Kabhi aankhon se karke ishaara
Kabhi baahon ka deke sahara
Anjaana sa purana kissa koi
Inse jo poocho toh kahengi
Yeh meri kahaani
Taxi ke bhawre hai gaa rahe
Kitni zameenay hai yeh jaa rahe
Manzil kahan hai
Na kisi ko hai pata
Train ki ghanti ishaaron mein
Kisse kisi ke chupa rahi hai
Dil se suno toh
Yeh sab kuch degi bata
Mera inn raahon se hai rishta koi
Anjaana sa purana kissa koi
Inse jo poocho toh kahengi
Yeh meri kahaani
Sadkon par iski sapne chalte hai
Sau kho jaate hai do sach bante hai
Yehi raahein kabhi zanjeerein
Kabhi haathon ki yeh lakeerien
Mera inn raahon se hai rishta koi
Rishta koi
Anjaana sa purana kissa koi kissa inse
Inse jo poocho toh kahengi
Yeh meri kahaani.
चुप रेहकर भी ये सब कुछ केहती है
सब कुछ केहकर भी चुप ही रहती है
कभी आँखों से कर के इशारा
कभी बाँहों का दे के सहारा
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी
ये मेरी कहानी
टैक्सी के भँवरें हैं गा रहें
कितनी जल्दी में हैं ये जा रहें
मंज़िल कहाँ है
ना किसी को है पता
ट्रेन की घंटी इशारों में
किस्से किसी के छुपा रही है
दिल से सुनो तो
ये सब कुछ देगी बता
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी
ये मेरी कहानी
सड़कों पर इसकी सपनें चलते हैं
सौ खो जाते हैं, दो सच बनते हैं
यही राहें कभी ज़ंजीरें
कभी हाथों की ये लकीरें
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई
रिश्ता कोई
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी
ये मेरी कहानी.