Kab Se Kab Tak Lyrics – Ranveer Singh, Vibha Saraf
कोई तो हो जो हमको हमसे मिला दे
कोई दिखा दे वो रास्ता
कोई तो हो जो हमको ये बता दे
खुद से होते हैं खुद कैसे जुदा
मैंने सबसे पूछ के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
मैंने सबसे पूछ के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
मैंने सबसे पूछ के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
अब कब से कब तक
अब कब से कब तक हमसे रगबत
मैं सोचूं हर घड़ी
ये सर चढ़ी तलब है या
या इनकी बाद बड़ी पे दिल मेरा धड़क गया
ये बेसबर हैं आज केहना चाहें तुझको कुछ
तू मुझसे खुश तो बाँट ले ना मेरा
हमको हमसे मिला दे
हमको हमसे मिला दे
ये रौशनी है तब से टूटे तारे रूठे रब से
क्या जादूगरी करी ये तूने है छोरी रे
चोरी किया दिल चोरी चोरी चोरी रे
क्या सपने हमने भी सज़ा रखे हैं ख़ूबसूरत
आशिकी है हद से ज्यादा इश्क में हूँ तेरे मूरत
मिला दे हमको हमसे गम को ढंग से मेहसूस करूँ
तेरे संग मैं तेरे सपने अपने मेहफूज़ रखूं
मुझको चाहिए तेरा इश्क का नशा
और तुझको चाहिए मेरे दिल के टुकड़ों का मजा
देखो मुझको ना बता दे मुझको हाल ए दिल तुम्हारा भी
ठुकराओ ना यूं रिश्ते को तुम जानो दिल हमारा भी
मैंने सबसे पुछा के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
मैंने सबसे पुछा के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
मैंने सबसे पुछा के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
अब कब से कब तक
आ कब से कब तक हमसे रगबत
ज़िन्दगी ज़हेर का प्याला पी लिया पिया के नाम
जी गए तो दुनिया हारे गिर गए गिरा के जाम
मुश्किलों से मुश्किलों की मुश्किलें संभाली है
मुश्किलों की कजरी गाके कश्तियाँ संवारी हैं
हमने भी वफ़ा की हमने हमने भी दगा की है
हमने ही जुदाई जीती हमने ही सदा की है
हमने तुझको पाके खोया
हमने तुझको खोके पाया
हमने तेरे वास्ते ये लिख दी है कवाली के
नजरों के ये काले घेरे इनमें ही समा लो ना
अपने मैं बना लूं इनको
दे दो मुझको तालों ना
मैं छोड़ जाता दुनिया लापता सा हो जो जाता
तो क्या तू खोजता मैं सपने ओढ़ सो जो जाता
मैं रोक पाता खुदकों इस जमेले से तो
केहता ना यूं तुझको के तू मुझको अब अकेले छोड़
मैंने सबसे पुछा के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
मैंने सबसे पुछा के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
मैंने सबसे पुछा के
ये कब से कब तक हमसे रगबत
अब कब से कब तक
अब कब से कब तक हमसे रगबत
हम्म…
Koi toh ho jo humko humse mila de
Koi dikha de woh raashta
Koi toh ho jo humko ye bata de
Khud se hote hai khud kaise juda
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Aa kabse kabtak
Aa kabse kabtak humse ragbat
Main sochun har ghadi
Ye sar chadi talab hai ya
Ya inki bad-badi pe dil mera dhadak gaya
Ye besabar hai aaj kahna chahe tujhko kuch
Tu mujhse khush toh baatle na mera.
Humko humse milade
Humko humse milade
Hai doshti jo tumse karli kabse humne jabse
Yeh raushni hai tabse tut’ta re roothe rab se
Kya jadugari kari ye tune hai choori re
Choori kiya dil choori choori choori re
Kya shapne humne bhi saja rakhe hai khoobsurat
Aashiqui hai hadd se jyada ishq mein hoon tere murat
Mila de humko humse, gum ko dhangse mahsoos karun
Tere sang main mere sapne aapne aapne mahfooz rakhun
Mujhko chahiye tere ishq ka nasha
Aur tujhko chahiye mere dil ke tukdo ka maza
Dekho mukhro na bata de mujhko haal-e-dil tumhara bhi
Thukro na yun rishte ko tum jaano dil hamara bhi
Ye kab se kabtak humse ragbat
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Aa kabse kabtak
Aa kabse kabtak humse ragbat
Zindagi zahar ka pyala pee liya piya ke naam
Jee gaye toh duniya haare, gir gaye gira ke jaam
Mushkilo se mushkilo ki mushkile sambhali hai
Mushkilo ki kazri gaake kastiyan sanwari hai
Humne bhi wafa ki, humne-humne bhi daga ki hai
Humne hi judai jiti, humne sada ki hai
Humne tujhko paake khoya
Humne tujhko khoke paaya
Humne tere waaste ye likh di hai kawali ke
Nazron ke ye kaale ghere inme hi sama loon na
Aapne mein bana loon inko
Dedun mujhko taalo na
Main chhod jata duniya laapata sa ho jo jaata
To kya tu khojta, main sapne odh soo jo jata
Main rok paata khudko is jhamele se toh
Kahta na yun tujhko ki tu mujhko aab akele chhod
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Main sabse puch ke
Ye kab se kabtak humse ragbat
Aa kabse kabtak
Aa kabse kabtak humse ragbat.