Dheere Chal Zara Lyrics – Mohammed Rafi
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
तू कहे शोर मचाये
जिनकी किस्मत सो गयी
उनको कौन जगाए
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
सोने दे बेचारो को
इन किस्मत के मारे को
ये वो माझी छोड़ चुके
जो अपनी पतवारो को
सोने दे बेचारो को
इन किस्मत के मारे को
धीरे चल ज़रा
ओ पागल नदिया
निंदिया तू क्यों न जाये
जो नय्या में डूब गए
उनको कौन बचाये
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
जीवन रेन बसेरा है
किसका नाम सवेरा है
जलते हुए चिरागो के
नीचे घोर अँधेरा है
धीरे चल ज़रा
ओ पागल चाण्डाल
सूरज निकल न आये
जिनके मन का दीप
बुझा उनको कौन बचाये
धीरे चल ज़रा
ओ पागल चाण्डाल
सूरज निकल न आये
सूरज निकल न आये
सूरज निकल न आये.
Dheere chal zara
O pagal purwaiya
Tu kahe shor machaye
Tu kahe shor machaye
Jinki kismat so gayi
Unko kaun jagaye
Dheere chal zara
O pagal purwaiya
Tu kahe shor machaye
Sone de becharo ko
In kismat ke maro ko
Ye wo majhi chod chuke
Jo apni patwaro ko
Sone de becharo ko
In kismat ke maro ko
Dheere chal zara
O pagal nadiya
Nindiya tu kyu na jaye
Jo nayya me dub gaye
Unko kaun bachaye
Dhire chal zara
O pagal purwaiya
Tu kahe shor machaye
Jiwan rain basera hai
Kiska nam sawera hai
Jalte hue chirago ke
Niche ghor andhera hai
Dheere chal zara
O pagal chandal
Suraj nikal na aaye
Jinke mann ka deep
Bujha unko kaun bachaye
Dheere chal zara
O pagal chandal
Suraj nikal na aaye
Suraj nikal na aaye
Suraj nikal na aaye.