Chand Naraz Hai Lyrics – Abhi Dutt
Jis subah main tujhe
Ek nazar dekh loon
Saara din fir mera
Achcha guzarta hai
Har kisi ke liye
Ye dhadakta nahi
Bas tujhe dekh kar
Dil dhadakta hai
Meri har baat mein
Zikr tera karun
Teri taarif se
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Teri parwah karun
Ya karun chand ki
Kya karun main agar
Chand naraz hai
Ishq pehla bhi tu
Ishq akhar bhi tu
Tujhpe dil aa gaya
Dil dagabaaz hai
Ek pisad bhi wo
Tere jaisa nahi
Bas yahi soch kar
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Haan jarurat se bhi jyada
Teri jarurat hai
Tu hi dil ki mere
Pehli mohabbat hai
Ishq jyada se bhi jyada
Main tujhse karta hun
Kuch na kuch hai wajah
Teri hi harkat hai
Dil mera pal mein
Har faisla kar gaya
Bas tujhko dekha
Phir tujhpe mar gaya
Dhadkano ko meri
Dil sunata hai jo
Tujhko maloom hai
Tu wahi saaz hai
Chand naraz hai
Chand naraz hai
Dil dagabaaz hai
Chand naraz hai
Teri parwah karun
Ya karun chand ki
Kya karun main agar
Chand naraz hai
Ishq pehla bhi tu
Ishq akhar bhi tu
Tujhpe dil aa gaya
Dil dagabaaz hai
Ek pisad bhi wo
Tere jaisa nahi
Bas yahi soch kar
Chand naraz hai.
जिस सुबह मैं तुझे
एक नज़र देख लूँ
सारा दिन फिर मेरा
अच्छा गुज़रता है
हर किसी के लिये
ये धड़कता नहीं
बस तुझे देख कर
दिल धड़कता है
मेरी हर बात में
ज़िक्र तेरा करूँ
तेरी तारीफ़ से
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
तेरी परवाह करूँ
या करूँ चाँद की
क्या करूँ मैं अगर
चाँद नाराज़ है
इश्क़ पहला भी तू
इश्क़ आखर भी तू
तुझपे दिल आ गया
दिल दगाबाज़ है
एक पीसद भी वो
तेरे जैसा नहीं
बस यही सोच कर
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
हाँ जरुरत से भी ज्यादा
तेरी जरुरत है
तू ही दिल की मेरे
पहली मोहब्बत है
इश्क़ ज्यादा से भी ज्यादा
तुझसे मैं करता हूँ
कुछ ना कुछ है वजह
तेरी ही हरकत है
दिल मेरा पल में
हर फैसला कर गया
बस तुझको देखा
फिर तुझपे मर गया
धड़कनो को मेरी
दिल सुनाता है जो
तुझको मालूम है
तू वही साज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
दिल दगाबाज़ है
चाँद नाराज़ है
तेरी परवाह करूँ
या करूँ चाँद की
क्या करूँ मैं अगर
चाँद नाराज़ है
इश्क़ पहला भी तू
इश्क़ आखर भी तू
तुझपे दिल आ गया
दिल दगाबाज़ है
एक पीसद भी वो
तेरे जैसा नहीं
बस यही सोच कर
चाँद नाराज़ है.