Barf Si Lyrics – Armaan Malik
ओ ओ..
बर्फ सी तू पिघल जा
सर्दी की सर्द रातों में
बर्फ सी तू पिघल जा
सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ
बस तू है मेरे इरादों में
हाँ कर रही है तेरी मोहब्बत
ज़िन्दगी में मेरी सिरकत
इश्क में अपने भींगा दे
ख्वाहिशों की कर दे बरकत
हाँ कर रही है तेरी मोहब्बत
ज़िन्दगी में मेरी सिरकत
इश्क में अपने भींगा दे
ख्वाहिशों की कर दे बरकत
बेपनाह तेरे इश्क में
गया हूँ में जान से
रिवाजों से दूर होके
हो गया तेरा मैं इमान से
तू गुनगुनी रात है
तू गुनगुनी है सुबह
बंदिशों से मेरी मुझे
आ कर दे रिहा..
जीने की वजह
बर्फ सी तू पिघल जा
सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ
बस तू है मेरे इरादों में
आ..
तू जो आई इत्र हवाओं में
बिखर गया
ज़र्रा-ज़र्रा रूह का मेरी
निखर गया..
तू लाज्मी हर पल में है
सुन ले मेरी इल्तजा
हर भरम अब हो गया
तेरा मेरा फर्सफा
तू मुझे दे भी दे
जीने की वजह
बर्फ सी तू पिघल जा
सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ
बस तू है मेरे इरादों में.
Barf si tu pighal ja,
Sardi ki sard raaton mein,
Sardi ki sard raaton mein,
Main tujhmein jee raha hoon,
Bas tu hai mere iraadon mein,
Haan kar rahi hai teri mahobbat,
Zindagi mein meri shirqat,
Ishq mein apne bigah de,
Khwahishon ki karde barqat,
Haan kar rahi hai teri mahobbat,
Zindagi mein meri shirqat,
Ishq mein apne bigah de,
Khwahishon ki karde barqat,
Bepanah tere ishq mein,
Gaya hoon main jaan se,
Riwajon se door ho ke,
Ho gaya tera main imaan se,
Tu gunguni raat hai,
Tu gunguni hai subah,
Bandishon se meri mujhe,
Aa kar de riha,
Tu mujhe de bhi de,
Jeene ki wajah,
Barf si tu pighal ja,
Sardi ki sard raaton mein,
Main tujhmein jee raha hoon,
Bas tu hai mere iraadon mein,
Tu jo aayi ittr hawaon mein hai,
Bikhar gaya,
Zarra zarra rooh ki meri,
Nikhar gaya,
Tu lazmi har pal mein hai,
Sun le meri iltja,
Har bharm ab ho gaya,
Tera mera falsafa,
Tu mujhe de bhi de,
Jeene ki wajah.