Ajeeb Hai Zindagi Ki Manzil Lyrics – Shankar Dasgupta
अजीब है
ज़िन्दगी की मंज़िल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीब है ज़िन्दगी की मंज़िल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
न मुस्कुराये न रो सके दिल
न मुस्कुराये न रो सके दिल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीब है ज़िन्दगी की मंज़िल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीब है
न कोई रास्ता न कारवाँ है
सितम की दीवार दरमियान है
न कोई रास्ता न कारवाँ है
सितम की दीवार दरमियान है
बढे तो मुश्किल रुके तो मुश्किल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीब है ज़िन्दगी की मंज़िल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीब है
चले थे उल्फ़त की बेख़ुदी में
उठा वो तूफ़ान ज़िन्दगी में
उठा वो तूफाआआं
न कोई क्षति न कोई साहिल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीब है ज़िन्दगी की मंज़िल
कहाँ चले थे कहाँ पे आये
अजीबीब है.
Ajeeeeb hai
Zindagi ki manzil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeb hai zindagi ki manzil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Na muskuraaye na ro sake dil
Na muskuraaye na ro sake dil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeb hai zindagi ki manzil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeb hai
Na koi rastaa na kaarwaan hai
Sitam ki deewaar darmiyaan hai
Na koi rastaa na kaarwaan hai
Sitam ki deewaar darmiyaan hai
Badhe to mushqil rukey to mushqil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeb hai zindagi ki manzil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeb hai
Chale thhe ulfat ki bekhudi mein
Uthhaa wo toofaan zindagi mein
Uthaa wo toofaaaaaan
Na koi kashti na koi saahil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeb hai zindagi ki manzil
Kahaan chale thhe kahaan pe aaye
Ajeeeeeb hai.