Agarr Tumm Naa Hote Lyrics – Nihal Tauro
Ek lauta dil tha mera kaise sambhala
Tanhaio se ise tune nikala
Ishq ki mujhko chahat na hoti
Jeene ki bhi zaroorat na hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Ishq ki mujhko chahat na hoti
Jeene ki bhi zaroorat na hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Khudse huya main judaa
Aankhon se jo tune chuya
Kahi kuch to hain huya
Kuch hua re
Khwabon mein kisi ko basana
Hota hain kya dil lagana
Pehli dafa yeh jaana, jaana re
Ajnabi pyaas hain
Yeh saama khas hain
Tu mere paas hain, paas hain
Ek lauta dil tha mera kaise sambhala
Tanhaio se ise tune nikala
Ishq ki mujhko chahat na hoti
Jeene ki bhi zaroorat na hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Tujhse mila toh laga
Dooriyan hain ek saza
Jeene ki hain tu wajah
Tu wajah re
Tu jo kahe kar jaun
Had se guzar jaun
Tere liye mar jaun
Mar jaun re
Tere deedar ka silsila pyar ka
Yunhi chalta rahe ab sada
Ek lauta dil tha mera kaise sambhala
Tanhaio se ise tune nikala
Ishq ki mujhko chahat na hoti
Jeene ki bhi zaroorat na hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti
Agarr tumm naa hote
Zindagi viran hoti.
एक लौता दिल था मेरा कैसे संभाला
तन्हाइओ से इसे तूने निकाला
इश्क़ की मुझको चाहत ना होती
जीने की भी ज़रुरत ना होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
इश्क़ की मुझको चाहत ना होती
जीने की भी ज़रुरत ना होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
खुदसे हुआ मैं जुदा
आँखों से जो तूने छुआ
कही कुछ तो हैं हुआ
कुछ हुआ रे
ख्वाबों में किसी को बसाना
होता हैं क्या दिल लगाना
पहली दफा ये जाना, जाना रे
अजनबी प्यास हैं
ये समां खास हैं
तू मेरे पास हैं, पास हैं
एक लौता दिल था मेरा कैसे संभाला
तन्हाइओ से इसे तूने निकाला
इश्क़ की मुझको चाहत ना होती
जीने की भी ज़रुरत ना होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
तुझसे मिला तो लगा
दूरियां हैं एक सजा
जीने की हैं तू वजह
तू वजह रे
तू जो कहे कर जाऊं
हद से गुज़र जाऊं
तेरे लिए मर जाऊं
मर जाऊं रे
तेरे दीदार का सिलसिला प्यार का
यूँही चलता रहे अब सदा
एक लौता दिल था मेरा कैसे संभाला
तन्हाइओ से इसे तूने निकाला
इश्क़ की मुझको चाहत ना होती
जीने की भी ज़रुरत ना होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती
अगर तुम ना होते
ज़िंदगी वीरान होती.