Ab Ye Andhere Sathi Hai Lyrics – Mohammed Rafi
बड़ा एहसान मालिक का
करदी मेहरबानी
उजालो की दुआ मांगी
अँधेरे दे दिए मुझको
अब ये अँधेरे
अब ये अँधेरे साथी है
मेरे अश्को के है काफिले
मंज़िल मिले न मिले
अब ये अँधेरे साथी है
मेरे अश्को के है काफिले
मंज़िल मिले न मिले
अब ये अँधेरे
न जाने दुर कब
तक ये अँधेरा हो
भटकती ज़िन्दगी
में कब सवेरा हो
वो और होंगे जिनके
दिलो में जीने के है हौसले
अब ये अँधेरे
अब ये अँधेरे साथी है
मेरे अश्को के है काफिले
मंज़िल मिले न
मिले अब ये अँधेरे.
Bada ehshan malik ka
Kardi meharbani
Ujalo ki dua mangi
Andhere de diye mujhko
Ab ye andhere
Ab ye andhere sathi hai
Mere ashko ke hai kafile
Manzil mile na mile
Ab ye andhere sathi hai
Mere ashko ke hai kafile
Manzil mile na mile
Ab ye andhere
Na jane dur kab
Tak ye andhera ho
Bhatakti zindagi
Me kab savera ho
Wo aur honge jinke
Dilo me jine ke hai hausle
Ab ye andhere
Ab ye andhere sathi hai
Mere ashko ke hai kafile
Manzil mile na
Mile ab ye andhere.