Aaya Na Tu Lyrics – Arjun Kanungo, Momina Mustehsan
तुम कभी ना कहोगे
क्यूं ना हम ही ये बोल दे
हो कहाँ ये बताओ
हम वहां चल के आ जाएंगे
भीगे भीगे मौसम खिले थे जहां
तेरे मेरे रास्ते मिले थे जहां
बाहों में तेरी दिन ढले थे जहां
आ गया मैं वो…
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
बैठे बैठे सोचु कभी मैं तुझे
आंखों को मेरी तु कहीं ना दिखें
ऐसे में मैं आवाज़ दूँ तो किसे
हूं यहीं मैं वो…
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
सोचा था अगर मैं मिलूँगी तुझे
मेरे दिल की बातें कहूँगी तुझे
शायद तु बड़ी दूर है जा चुका
मैं अकेली रेह गयी
ना जाना तु कहाँ खो गया
जाते जाते तू मुड़ के फिर देख ले
दिल केहता है फिर एक दफ़ा ढूंढ ले
आयेगी कभी वोह यहीं लौट के
हूं यहीं मैं वो…
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु
मगर…ए आया ना तु
आया ना तु
आया ना तु.
Tum kabhi na kahoge
Kyun na hum hi ye bol de
Ho kahan yeh bataao
Hum wahan chal ke aa jayenge
Bheege bheege mausam khile the jahaan
Tere mere raste mile the jahaan
Baahon mein teri din dhale the jahaan
Aa gaya main wo…
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Baithe baithe sochu kabhi main tujhe
Aankhon ko meri tu kahin na dikhe
Aise mein main aawaz doon toh kise
Hoon yahin main wo…
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Socha tha agar main milungi tujhe
Mere dil ki baatein kahungi tujhe
Shayad tu badi door hai ja chuka
Main akeli reh gayi
Na jaane tu kahan kho gaya
Jaate jaate tu mud ke phir dekh le
Dil kehta hai phir ek dafa dhoondh le
Aayegi kabhi woh yahin laut ke
Hoon yahin main wo…
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu
Magar…ae aaya na tu
Aaya na tu
Aaya na tu.