Aagaz Lyrics – Dhvani Bhanushali, Jubin Nautiyal
Ehsaas koyi jaga
Shareek tu mujhmein hai
Ya khud se hoon main juda
Yoon itra ki tarah
Tu jo rooh mein ghula
Banke khwaab main tera
Fiza mein mehakane laga
Tu hi rab, tu hi khuda
Tu hi lab, tu hi dua
Tu hi shab, tu hi subah
Oh rehnuma, oh rehnuma
Tere bina main jee na sakoon
Tere liye hi sajde karoon
Tu hi to hai mere dil ki tamanna
Tere bina main reh na sakoon
Oh piya re maan ja re
Mujhko yoon na sata
Tere dil mein jo chhupa hai
Karde sab tu bayan
Tu hi mera junun hai
Tu khwaabon ka kaarwan
Tu hi mera sukun hai
Hai tujhse roshan jahan
Tu hi rab, tu hi khuda
Tu hi lab, tu hi dua
Tu hi shab, tu hi subah
Oh rehnuma, oh rehnuma
Aagaz hai ya anjaam hai yeh
Ishq ka koyi farmaan hai yeh
Saare jahan ko kehna hai
Bas ik tu hi mohabbat hai.
आगाज़ है नया
एहसास कोई जगा
शरीक तू मुझमें है
या खुद से मैं हूँ जुदा
यूँ इतर की तरह
तू जो रूह में घुला
बनके खाब मैं तेरा
फिज़ा में महकने लगा
तू ही रब, तू ही खुदा
तू ही रब, तू ही दुआ
तू ही शाम, तू ही सुबह
ओ रहनुमा, ओ रहनुमा
तेरे बिना मैं जी ना सकूँ
तेरे लिए ही सजदे करूँ
तू ही तो है मेरे दिल की तमन्ना
तेरे बिना मैं रह ना सकूँ
मुझको यूँ ना सता
तेरे दिल में जो छुपा है
करदे सब तू बयां
तू ही मेरा जूनून है
तू खाबों का कारवां
हां हा तू ही मेरा सुकून है
है तुझसे रोशन जहाँ
तू ही रब, तू ही खुदा
तू ही लव, तू ही दुआ
तू ही शाम, तू ही सुबह
ओ रहनुमा, ओ रहनुमा
आगाज़ है या अंजाम है ये
इश्क का कोई फरमान है ये
सारे जहां को कहना है बस
एक तू ही मोहब्बत है.