Qaafirana Lyrics – Arijit Singh, Nikhita Gandhi
इन वादियों में
टकरा चुके हैं
हमसे मुसाफ़िर यूँ तो कई
दिल ना लगाया हमने किसी से
किस्से सुने हैं यूँ तो कई
ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो
इत्र से हवा
काफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है
ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो
इत्र से हवा
काफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है
गोदी में पहाड़ियों की
उजली दोपहरी गुजारना
हाये हाये तेरे साथ में
अच्छा लगे
ढलती हुई शाम ने
बताया है के
दूर मंजिल पे रात है
मुझको तसल्ली है ये
के होने तलक रात
हम दोनों साथ है
संग चल रहे हैं
संग चल रहे हैं
धुप के किनारे
छाव की तरह
काफ़िराना सा है
इश्क हैं या क्या है
हम्म…ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो
इत्र से हवा
काफ़िराना सा है
इश्क हैं या क्या है.
Inn waadiyon mein
Takra chuke hain
Humse musafir yun toh kayi
Dil na lagaya humne kisi se
Kisse suney hain yun toh kayi
Aise tum mile ho
Aise tum mile ho
Jaise mil rahi ho
Itr se hawa
Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai
Aise tum mile ho
Aise tum mile ho
Jaise mil rahi ho
Itr se hawa
Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai
Godi mein pahadiyon ki
Ujli dopahri guzarna
Haaye haaye tere saath mein
Acha lage
Dhalti hui shaam ne
Bataya hai ke
Door manzil pe raat hai
Mujhko tasalli hai yeh
Ke hone talak raat
Hum dono saath hain
Sang chal rahe hain
Sang chal rahe hain
Dhoop ke kinaare
Chaaon ki tarah
Qaafirana sa hai
Ishq hai ya skya hai
Hmm..aise tum mile ho
Aise tum mile ho
Jaise mil rahi ho
Itr se hawa
Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai.