Main Agar Lyrics – Atif Aslam
मैं अगर सितारों से चुरा के लाऊँ रौशनी
हवाओं से चुराके लाऊँ रागिनी
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी
मैं अगर नज़ारों से चुराके लाऊँ रंगतें
मज़ारों से चुराके लाऊँ बरक़तें
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी
ये दुनियां परायी है
बस एक अपना है तू
जो सच हो मेरा वो
सवेरे का सपना है तू
देखूंगा तेरा रास्ता
हो कुछ तुझे बस ख़ुदा ना खास्ता
हो…तेरे बिना उम्र के
सफ़र में बड़ा ही तन्हा हूँ मैं
रफ्फ्तार जो वक़्त की
जो पकड़ ना सके वो लम्हा हूँ मैं
फागुन के महीने
तेरे बिना है फिंके
जो तू नहीं तो सारे
सावन मेरे सूखे
मैं अगर किताबों से चुरा के लाऊं क़ायदे
हिसाबों से चुरा के लाऊं फ़ायदे
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी
मैं अगर सितारों से चुराके लाऊँ रौशनी
हवाओं से चुराके लाऊँ रागिनी
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर
तेरी कमी
बस एक अपना है तू
जो सच हो मेरा वो
सवेरे का सपना है तू
देखूंगा तेरा रास्ता
हो कुछ तुझे ख़ुदा ना खास्ता
खास्ता…
Main agar sitaron se chura ke laun roshini
Hawaon se chura ke laun ragini
Na puri ho sakegi unse magar
Teri kami
Main agar nazaaron se chura ke laun rangatein
Mazaaron se chura ke laun barkatein
Na puri ho sakegi unse magar
Teri kami
Yeh duniya paraayi hai
Bas ek apna hai tu
Jo sach ho mera wo
Sawere ka sapna hai tu
Dekhunga tera raasta
Ho kuch tujhe bas khuda na khasta
Ho…tere bina umr ke
Safar main bada hi tanha hun main
Raftaar jo wakt ki
Jo pakad na sake woh lamha hu main
Fagun ke mahine
Tere bina hai fike
Jo tu nahi to saare
Sawan mere sukhe
Main agar kitaabon se chura ke laaun kaayde
Hisaabon se chura ke laaun faayden
Na puri ho sakengi unse magar
Teri kami
Main agar sitaaron se churake laaun roshni
Hawao se churake laaun raagini
Na puri ho sakegi unse magar
Teri kami
Yeh duniya paraayi hai
Bas ek apna hai tu
Jo sach ho mera wo
Sawere ka sapna hai tu
Ho kuch tujhe bas khuda na khasta
Khasta…