Hum Na Samjhe The Lyrics – S. P. Balasubrahmanyam
हम न समझे थे बात इतनी सी
खवाब शीसे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
खवाब शीसे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
आरज़ू हमने की तो हम पाए
आरज़ू हमने की तोह हम पाये
रोशनी साथ लाई थी साये
साये गहरे थे रौशनी हलकी
हम न समझे थे बात इतनी सी
खवाब शीसे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
सिर्फ वीरानी सिर्फ तन्हाई
सिर्फ वीरानी सिर्फ तन्हाई
जिंदगी हमको ये कहा लायी
खो गयी हमसे राह मंजिल की
हम न समझे थे बात इतनी सी
खवाब शीसे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
क्या कोई बेचैन क्या कोई बाटे
क्या कोई बेचैन क्या कोई बाटे
अपने दामन में सिर्फ है कांटे
और दुकाने है
हम न समझे थे बात इतनी सी
खवाब शीसे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
हम न समझे थे बात इतनी सी
खवाब शीसे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
हम न समझे थे बात इतनी सी.
Hum na samjhe the bat itani si
Khawab sheese ke duniya pathar ki
Hum na samjhe the bat itani si
Khawab sheese ke duniya pathar kee
Hum na samjhe the bat itani si
Aarzoo humne ki to hum paye
Aarzoo humne ki toh hum paye
Roshani sath lai thi saye
Saye gehre the roshani halki
Hum na samjhe the bat itani si
Khawab sheese ke duniya pathar ki
Hum na samjhe the bat itani si
Sirf virani sirf tanhayi
Sirf virani sirf tanhayi
Jindagi humko ye kaha layi
Kho gayi humse rah manjil ki
Hum na samjhe the bat itani si
Khawab sheese ke duniya pathar ki
Hum na samjhe the bat itani si
Kya koi bechain kya koi bate
Kya koi bechain kya koi bate
Apne daman me sirf hai kante
Aur dukane hai, sirf phoolo ki
Hum na samjhe the bat itani si
Khawab sheese ke duniya pathar ki
Hum na samjhe the bat itani si
Hum na samjhe the bat itani si
Khawab sheese ke duniya pathar ki
Hum na samjhe the bat itani si
Hum na samjhe the bat itani si.