Ishq Lyrics – Sarmad Qadeer
ये जुल्फें तेरी है रात घनी
ये चेहरा तेरा सुबह की तरहा
ये झुकती नज़र हो जैसे हया
ये बातें तेरी सुभान अल्लाह
तू इल्म सी है मैं तालिब हूँ
तू शायरी है मैं ग़ालिब हूँ
तू मौसम है मैं बारिश हूँ
तू अर्ज़ी मैं सिफ़ारिश हूँ
ये सांसें तेरी बेहकति हुयी
मेहकति हुयी सुबाह की तरहा
ये होंठ तेरे गुलाब खिले
ये नखरा अदा करूँ क्या बयां
तू शम्मा सी मैं परवाना
तू जाम है तो मैं मेहखाना
तू इश्क़ सी हैं मैं दीवाना
तू मदहोशी मैं मस्ताना
आ तुझे दिल में मेरे
क़ैद मैं यूं कर लूँ
धडकनों को भी तेरे
पास आने ना मैं दूँ
इन आँखों में यूं रखलूँ तुझे
नज़र बस तू ही आए मुझे
तू रात हसीन सितारा मैं
तू लेहरों सी किनारा मैं
तू रात हसीन सितारा मैं
तू लेहरों सी किनारा मैं
तू मेहफिल सी मैं खामोशी
तू चढ़ता नशा मैं मदहोशी
इश्क़ हसाये कभी इश्क़ रुलाये
ये इश्क़ क्या चाहे कोई तुझे समझाये हाए
इश्क़ हसाये कभी इश्क़ रुलाये
ये इश्क़ क्या चाहे कोई तो समझाये हाये
इश्क़ हसाये कभी इश्क़ रुलाये
ये इश्क़ क्या चाहे कोई तो समझाये हाये
इश्क़ हसाये कभी इश्क़ रुलाये
ये इश्क़ क्या चाहे कोई तो समझाये हाये.
Yeh zulfein teri hai raat ghani
Yeh chehra tera subah ki tarah
Yeh jhukti nazar ho jaise hayaa
Yeh baatein teri subhaan allah
Tu ilm si hai main taalib hoon
Tu shayari hai main ghalib hoon
Tu mausam hai main baarish hoon
Tu arzi main sifarish hoon
Ye saansein teri behakti hui
Mehakti hui subaah ki tarah
Ye honth tere gulaab khile
Ye nakhra ada karun kya bayaan
Tu shamma si main parwana
Tu jam hai to main mehkhana
Tu ishq si hain main deewana
Tu madhoshi main mastana
Aa tujhe dil mein mere
Kaid main yun karlu
Dhadkano ko bhi tere
Paas aane na main du
In ankhon mein yun rakhlu tujhe
Nazar bas tu hi aaye mujhe
Tu raat haseen sitara main
Tu lehron si kinara main
Tu raat haseen sitara main
Tu lehron si kinara main
Tu mehfil si main khamoshi
Tu chadhta nasha main madhosi
Ishq hasaye kabhi ishq rulaye
Yeh ishq kya chahe koi toh samjhaye haaye
Ishq hasaye kabhi ishq rulaye
Yeh ishq kya chahe koi toh samjhaye haaye
Ishq hasaye kabhi ishq rulaye
Yeh ishq kya chahe koi toh samjhaye haaye
Ishq hasaye kabhi ishq rulaye
Yeh ishaq kya chahe koi toh samjhaye haaye.