Maut Kitni Bhi Sangdil Ho Lyrics – Asha Bhosle
मौत कितनी भी संगदिल हो
मगर ज़िन्दगी से तो मेहरबा होगी
मौत कितनी भी संगदिल हो
मगर ज़िन्दगी से तो मेहरबा होगी
इक नए जांज को जन्म देती है
ज़िन्दगी हर खुशी की दुसमन है
मौत सबसे निबाहे करते है
ज़िन्दगी ज़िन्दगी की दुसमन है
कुत्च ना कुत्च तो सुकून
पायेगा मौत के बस जिसकी जान होगी
मौत कितनी भी संगदिल हो
मगर ज़िन्दगी से तो मेहरबा होगी
मौत से और कुछ मिले न मिले
ज़िन्दगी से तो जान छूटेगी
मुस्कराहट नसीब हो के न
हो आंसुओ की लड़ी तो टूटेगी
हम न होंगे तो गम किसे होगा
ख़तम हर गुमकी दस्ता होगी
मौत कितनी भी संगदिल हो
मगर ज़िन्दगी से तो मेहरबा होगी.
Maut kitni bhi sangdil ho
Magar zindagi se to mehrba hogi
Maut kitni bhi sangdil ho
Magar zindagi se to mehrba hogi
Ik naye janj ko janm deti hai
Zindagi har khusi ki dusman hai
Maut sabse nibahe karte hai
Zindagi zindagi ki dusman hai
Kutch naa kutch to sukun
Payega maut ke bas jiski jaan hogi
Maut kitni bhi sangdil ho
Magar zindagi se to mehrba hogi
Maut se or kuch mile na mile
Zindagi se to jan chutegi
Muskurahat nasib ho ke na
Ho ansuo ki ladi to tutegi
Ham na honge to gum kise hoga
Khatam har gumki dastaa hogi
Maut kitni bhi sangdil ho
Magar zindagi se to mehrba hogi.